आग लगी है!’ सुनते ही विमान में मची चीख-पुकार ! जान बचाने पंखों से कूदे

कल्पना कीजिए आप अपने सफर पर निकल चुके हैं। दिल में हजार ख्वाब, आंखों में उम्मीदों की चमक लेकिन अचानक सब कुछ थम जाता है। चीखें, भगदड़ और हवा में डर की बदबू। 4 जुलाई की आधी रात स्पेन के मिजोरका स्थित पॉपुलर हॉलिडे डेस्टिनेशन पालमा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली थी एक आम सी फ्लाइट रयान एयर की पालमा टू मैनचेस्टर फ्लाइट लेकिन यह सफर एक झूठी चेतावनी में उलझकर ऐसा मोड़ लेगा जिसे शायद कोई यात्री कभी भूल नहीं पाएगा।

टेक ऑफ की तैयारियां चल रही थी। तभी अचानक एक झूठे अलार्म ने सब कुछ बदल दिया। रयान एयर के मुताबिक फ्लाइट में गलत आग की चेतावनी लाइट जल गई थी और उसी पल फैसला हुआ विमान को रोकना है। लेकिन असली खौफ तब शुरू हुआ जब यात्रियों को ऐसा लगा कि जहाज में वाकई आग लग गई है।

डर इतना बढ़ गया कि कुछ यात्रियों ने विमान के पंख पर चढ़कर कूदना शुरू कर दिया। किसी को अपनी जान बचानी थी। किसी को यकीन ही नहीं था कि वह जिंदा बच पाएंगे। द मिरर की रिपोर्ट बताती है कि लोग एक दूसरे को धक्का देकर कूद रहे थे और उसी दौरान कई यात्रियों को चोटें आई हैं।

डेली स्टार की एक रिपोर्ट कहती है कि अलार्म की वजह से रनवे पर फुल इमरजेंसी सिचुएशन बना दी गई। चार एंबुलेंस, दमकल की गाड़ियां और पुलिस तुरंत पहुंची। बताया जा रहा है कि यह घटना उस समय घटी जब भयभीत यात्री आग लगे विमान से बाहर निकलने के लिए विमान के टर्मिनल पर कूद रहे थे।

कहा जाता है कि इस भयावह घटना के कारण रनवे पर तनाव उत्पन्न हो गया। इस दौरान कुछ यात्री डर के कारण इमरजेंसी गेट से निकलकर विंग पर चढ़े और नीचे कूद गए। ऐसा माना जा रहा है कि एक हवाई अड्डे के कर्मचारी को वॉकी टॉकी पर अपने सहकर्मी से यह कहते हुए सुना कि क्या आप जानते हैं कि विमान में आपातकालीन निकास द्वार है।

घटना स्थल पर मौजूद इमरजेंसी मेडिकल टीम ने बताया कि 18 लोगों को सहायता की जरूरत थी। जिनमें से छह को अस्पताल ले जाना पड़ा। तीन घायल पालमा के निजी क्लीनिक क्लीनिका रोड केयर में भर्ती हुए और बाकी पालमा में क्लीनिक में है। घायलों में ज्यादातर को टखनों में मोच, हाथ पैर में खरोचे और घबराहट के अटैक हुए। रयानेर ने बयान जारी कर कहा है कि झूठी अलार्म लाइट इंडिकेशन की वजह से टेक ऑफ रोका गया। यात्रियों को इनफ्लटेबल स्लाइड से नीचे उतारा गया और उन्हें टर्मिनल में वापस लाया गया। हमारे क्रू ने तुरंत मेडिकल हेल्प मंगाई।

रयानेर ने यह भी कंफर्म किया है कि यात्रियों को परेशान ना करने के लिए एक नई फ्लाइट जल्द ही अरेंज कर दी गई थी। यह कोई फिल्म का सीन नहीं था। यह असल जिंदगी का डर था। एक फॉल्स अलार्म और कुछ सेकंड्स की घबराहट ने सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में डाल दी। सवाल अब भी खड़ा है। अगर वाकई आग लगी होती, अगर कोई गंभीर हादसा हो जाता, तो क्या हम तैयार थे? जिंदगी बहुत नाजुक होती है और कभी-कभी सिर्फ एक झूठी आवाज किसी की जिंदगी बदल सकती है।

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