एक आलीशान बंगला एक राजसी परिवार और एक परियों जैसी शादी लेकिन जब दरवाजे बंद होते हैं तब महलों में भी चीखें गूंजती हैं जिस घर को लोग बॉलीवुड की परफेक्ट फैमिली का हिस्सा समझते थे वहां दरअसल रिश्तों की दीवारें धीरे-धीरे दरक रही थी यह कहानी है।
करिश्मा कपूर की कपूर खानदान की बेटी और राज कपूर की पोती जिसने सोचा था कि शादी के बाद उसकी जिंदगी एक फिल्मी परिकथा की तरह होगी लेकिन हकीकत में उसे मिला एक तन्हा और टूटा हुआ रिश्ता 2016 में जब करिश्मा कपूर ने अपने पति संजय कपूर से तलाक लिया तब यह सिर्फ एक रिश्ते का अंत नहीं था यह एक लंबी और दर्द भरी लड़ाई का अंत था जिसमें बच्चों की कस्टडी से लेकर शारीरिक तकलीफ तक के आरोप लगे जब करिश्मा ने कोर्ट में संजय कपूर के खिलाफ आवाज उठाई तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक अभिनेत्री जिसने कभी पर्दे पर मोहब्बतें लुटाई थी।
अब असल जिंदगी में अपने बच्चों के हक के लिए लड़ रही है जब करिश्मा ने कोर्ट में संजय कपूर के खिलाफ आवाज उठाई तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक अभिनेत्री जिसने कभी पर्दे पर मोहब्बतें लुटाई थी अब असल जिंदगी में अपने बच्चों के हक के लिए लड़ रही है।
करिश्मा ने तलाक के दौरान तीन मांगे की थी पहली बच्चों की सुरक्षा ताकि उन्हें मुंबई से बाहर ना ले जाया जा सके दूसरी ₹ लाख प्रतिमाह गुजारे भत्ते की मांग क्योंकि संजय कपूर ने बच्चों के खर्चों के पैसे देने बंद कर दिए थे तीसरी संजय कपूर के पिता की संपत्ति पर रोक जिससे कि उस पर उनके बच्चों का भी हक बना रहे यह केवल कानूनी मांगे नहीं थी यह एक मां की पुकार थी जो चाहती थी कि उसके बच्चे वो ना झेलें जो उसने एक पत्नी बनकर सहा था।
2012 में एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सभी को चौंका दिया था करिश्मा कपूर को उनकी सास रानी कपूर के साथ एक पार्टी में देखा गया लोगों ने सवाल उठाया जो घरेलू महिला का केस कर रही है वह उसी महिला के साथ पार्टी क्यों कर रही है लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह हंसी शायद मजबूरी थी शायद बच्चों की खातिर खींचा गया एक झूठा मुस्कान था या शायद एक कोशिश सिस्टम से लड़ने से पहले परिवार से समझौता करने की करिश्मा ने कोर्ट में सिर्फ पति ही नहीं बल्कि अपनी सास पर भी गंभीर आरोप लगाए थे ।
उन्होंने कहा कि रानी कपूर ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तकलीफ किया उन्होंने दावा किया कि शादी के बाद उन्हें एक महंगी ड्रेस पहनने के लिए मजबूर किया गया जिसे संजय की मां ने खरीदा था।
लेकिन जब करिश्मा ने वह ड्रेस नहीं पहनी तो उन्हें अब्यूज शब्द दी गई और मानसिक तौर पर तकलीफ दी गई यह शादी अब सिर्फ प्यार से नहीं शर्तों और अहंकार से चल रही थी अब संजय कपूर इस दुनिया में नहीं है लेकिन सवाल यह है क्या करिश्मा की वो लड़ाई खत्म हो गई है या अब यह लड़ाई उनके बच्चों के लिए और भी बड़ी हो गई है।
करिश्मा अब चाहती हैं कि उनके बच्चे समायरा और किियान संजय की विरासत का हिस्सा बने वह चाहती हैं कि जो दर्द उन्होंने सहा वह उनके बच्चों को कभी ना सहना पड़े आगे क्या हुआ क्या संजय कपूर की प्रॉपर्टी पर उनके बच्चों का हक बनता है क्या करिश्मा ने अदालत में सिर्फ एक पत्नी की तरह नहीं एक मां एक बहू और एक इंसान के अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी संजय कपूर दिल्ली के एक मशहूर बिजनेसमैन परिवार से ताल्लुक रखते थे ग्लैमर और पैसा उनके खून में था।
लेकिन बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर जब उनकी मुलाकात करिश्मा कपूर से हुई तो यह शादी एक रॉयल अलायंस मानी गई कपूर खानदान की बेटी और दिल्ली के कारोबारी घराने के बेटे की जोड़ी शादी हुई धूमधाम से हुई और सभी को लगा कि यह रिश्ता सिनेमा और व्यापार को जोड़ने वाला एक परफेक्ट मेल है लेकिन असल जिंदगी की स्क्रिप्ट रियल लाइफ से कहीं ज्यादा काली होती है शादी के शुरुआती सालों में करिश्मा ने दिल्ली में संजय कपूर के साथ एक कोशिश की रिश्ते को निभाने की परिवार को अपनाने की लेकिन जल्दी ही दरारें दिखने लगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक करिश्मा को ना सिर्फ संजय कपूर से बल्कि उनके पूरे परिवार से उपेक्षा और अवहेलना मिली बताया जाता है कि शादी के बाद करिश्मा पर दबाव डाला गया कि वह फिल्मों से दूरी बना लें और एक घरेलू महिला की भूमिका निभाएं उन्होंने फिल्मों से दूरी तो बनाई लेकिन बदले में जो मिला वो था मानसिक तनाव अपमान और धीरे-धीरे एक ऐसा माहौल जिसमें दम घुटने लगा करिश्मा ने कोर्ट में बताया कि एक बार उनके ऊपर दबाव डाला गया कि वह एक करोड़ रुपए की कीमत की ड्रेस पहने जो उनकी सास ने खरीदी थी और जब उन्होंने वह ड्रेस नहीं पहनी तो उन्हें अपमानित किया गया दी गई और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा यह केवल एक ड्रेस की बात नहीं थी यह था उस औरत का आत्मसम्मान जिसे एक वस्तु समझा जा रहा था वो बेटी जो कपूर खानदान की शान थी अब एक कमरे में कैद अपनी ही पहचान को खो रही थी संजय कपूर का व्यवहार धीरे-धीरे और खराब होता चला गया कोर्ट के दस्तावेजों में दर्ज करिश्मा के आरोप बताते हैं कि संजय ने ना सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक भी की बच्चों के सामने अपमानित करना देना और एक तरह से उन्हें कमजोर बनाने की एक सिलसिला चलता रहा करिश्मा ने बताया कि उनके पति ने कई बार उन्हें धमकाया कि वह बच्चों को उनसे छीन लेंगे इस डर ने करिश्मा को तोड़ कर रख दिया।
2012 की एक घटना ने मीडिया को चौंका दिया करिश्मा कपूर को उनकी सास रानी कपूर के साथ पार्टी में देखा गया मीडिया ने सवाल उठाए क्या यह घरेलू हिंसा की कहानियां केवल कोर्ट तक ही सीमित थी लेकिन कोई नहीं जानता था कि कभी-कभी मजबूरी में रिश्तों की तस्वीरें मुस्कुराती हैं लेकिन अंदर तस्वीर बहुत बदसूरत होती है करिश्मा ने शायद उस वक्त मजबूरी में कैमरे के लिए एक मुस्कान दी हो लेकिन अंदर से वो पूरी तरह टूट चुकी थी 2014 में करिश्मा कपूर ने घरेलू हिंसा और दहेज दबाव का केस दर्ज कराया इस केस में उन्होंने साफ आरोप लगाए कि शादी के बाद से ही संजय और उनके परिवार उन्हें दहेज के लिए परेशान कर रहा था करिश्मा ने कोर्ट में यह भी बताया कि संजय का किसी अन्य महिला के साथ संबंध भी था जो उनके दिल्ली वाले घर में बच्चों के साथ रह रही थी उन्होंने कहा एक शादीशुदा आदमी जो अपने बच्चों की कस्टडी की लड़ाई लड़ रहा है खुद दूसरी औरत के साथ नए परिवार की तरह जी रहा है क्या यह मेरे बच्चों के लिए ठीक उदाहरण है।
इस बीच संजय कपूर की ओर से कहा गया कि करिश्मा कपूर ने न सिर्फ पैसे के लिए यह सब किया उन्होंने यह भी दावा किया कि करिश्मा ने अपने फायदे के लिए शादी की और जब पैसा और लाइफस्ट मिल गया तो वह कोर्ट पहुंच गई लेकिन एक मां जो अपने बच्चों के लिए हर महीने ₹20 लाख मांग रही हो वह खुद के लिए नहीं बच्चों के लिए लड़ रही थी करिश्मा को एलुमिनी के तौर पर 70 करोड़ मिले यह खबर मीडिया की हेडलाइन बनी लेकिन किसी ने नहीं पूछा कि उस पैसे के पीछे कितने आंसू थे कितनी रातें जाग कर बीती थी और कितनी बार उसने खुद को टूटा हुआ महसूस किया होगा।
करिश्मा कपूर ने केस में यह भी कहा कि उन्होंने बच्चों के नाम कुछ जमीन और फिक्स डिपॉजिट्स की मांग की थी ताकि भविष्य में उनके बच्चे किसी पर निर्भर ना रहे उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह लड़ाई सिर्फ पैसों की नहीं भविष्य की है इस मामले में उन्होंने संजय कपूर के पिता की प्रॉपर्टी पर स्टे लगाने की मांग की ताकि वह संपत्ति बिना बच्चों का हिस्सा दिए ना बिक सके यह सिर्फ एक शादी का अंत नहीं था यह एक पूरे पारिवारिक सामाजिक ढांचे पर सवाल था क्या एक औरत को सिर्फ इसलिए बर्दाश्त करना चाहिए क्योंकि वो शादीशुदा है क्या घरेलू सिर्फ तब मानी जाएगी जब शरीर पर घाव हो या मानसिक घाव भी उतने ही खतरनाक होते हैं अब संजय कपूर इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी मौत ने एक और सवाल खड़ा कर दिया है क्या उनके बच्चों को उनकी संपत्ति में पूरा अधिकार मिलेगा करिश्मा चाहती हैं कि उनके दोनों बच्चे समायरा और किियान अपने पिता की संपत्ति में वह हिस्सा पाएं जो उन्हें एक बेटे या बेटी के रूप में मिलना चाहिए उन्होंने साफ कहा कि उनके बच्चों का हक कोई नहीं छीन सकता चाहे परिवार कुछ भी कहे कानून उनके साथ है।
करिश्मा कपूर आज भी मीडिया के सामने ज्यादा नहीं आती लेकिन जो लोग उनके करीब हैं वह बताते हैं कि उन्होंने खुद को पूरी तरह बच्चों की परवरिश में झोंक दिया है उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली है पब्लिक इवेंट्स कम कर दिए हैं और उनकी प्राथमिकता सिर्फ एक है उनके बच्चे इस पूरी कहानी में एक और चीज ध्यान देने वाली है कपूर खानदान की चुप्पी करिश्मा के पिता रणधीर कपूर ने कभी खुलकर इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा कपूर फैमिली हमेशा से अपनी इमेज को लेकर सतर्क रही है लेकिन जब करिश्मा ने यह लड़ाई अकेले लड़ी तब कहीं ना कहीं यह साबित हो गया कि जब बात सम्मान और बच्चों की हो तो एक मां किसी खानदान की परवाह नहीं करती अब यह कहानी खत्म नहीं हुई है ।
यह कहानी जारी है कोर्ट में दिलों में और समाज में यह सिर्फ करिश्मा कपूर की नहीं हर उस महिला की कहानी है जो शादी के नाम पर एक सुनहरे पिंजरे में कैद कर दी जाती है जो बाहर से रॉयल लगती है लेकिन अंदर से हर रोज टूटती है और अगर इस कहानी ने आपको भी झोरा हो तो सोचिए अगर करिश्मा कपूर जैसी मजबूत और प्रसिद्ध महिला को यह सब सहना पड़ा तो एक आम औरत की हालत क्या होती होगी इसलिए यह कहानी सिर्फ एक तलाक नहीं एक चेतावनी है रिश्ते तब तक ही खूबसूरत होते हैं जब तक इनमें इज्जत हो पैसा बंगला गाड़ियां सब बेईमानी है अगर आत्मसम्मान ना बचे यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती क्योंकि यह सिर्फ करिश्मा कपूर की लड़ाई नहीं थी यह हर उस महिला की लड़ाई है जो कभी ना कभी किसी ना किसी रिश्ते में प्यार के नाम पर सम्मान खो बैठती है करिश्मा कपूर का नाम बड़ा है चेहरा जाना पहचाना है।
लेकिन वो दर्द वो लड़ाई वो अकेलापन हर उस मां हर उस बेटी हर उस पत्नी की तरह ही था जो हर रात तकिए में सिर छुपाकर रोती है ताकि बच्चे जाग ना जाएं संजय कपूर चले गए लेकिन सवाल बाकी है क्या उनके बच्चों को वह सब मिलेगा जो उनका हक है क्या समाज अब भी चुप रहेगा या इस केस से कुछ सीखेगा क्या आप सोच सकते हैं एक ऐसी महिला जो कभी देश की सबसे बड़ी हीरोइन थी अपने ही रिश्तों के अंदर गुमनामी और घुटन की जिंदगी जीती रही यह वीडियो सिर्फ एक सेलिब्रिटी गॉसिप नहीं यह आईना है उस समाज का जो बाहर से चमकता है और भीतर से सड़ता जा रहा है अगर आपको लगता है यह कहानी सिर्फ करिश्मा की नहीं हम सबकी है तो इसे जरूर शेयर कीजिए क्योंकि शायद आपके शेयर करने से किसी और की आंखें खुल जाए किसी और की हिम्मत बढ़ जाए और किसी और की बेटी चुप रहने के बजाय आवाज उठा पाए और एक दिन शायद यह दुनिया ऐसी बने जहां तलाक सिर्फ एक टैग नहीं बल्कि नई शुरुआत हो जहां महिलाएं रिश्ते निभाएं लेकिन खुद को मिटाकर नहीं जहां मां की लड़ाई को कमजोर नहीं हिम्मत समझा जाए ।
अगर यह कहानी आपके दिल को छू गई हो तो एक कमेंट जरूर कीजिए इज्जत सबसे बड़ा रिश्ता है और अगर आप चाहते हैं कि ऐसी और कहानियां सामने आए तो वीडियो को लाइक करें क्योंकि एक लाइक किसी आवाज को मजबूती दे सकता है हम फिर मिलेंगे एक नई सच्चाई एक नई कहानी और एक नई चेतावनी के साथ तब तक याद रखिए रिश्ते प्यार से चलते हैं लेकिन सम्मान पर टिके रहते हैं।