सीमा जब पाकिस्तान में थी उसका तलाक हुआ उसके बाद वो अपने पिता के यहां आई पिता की मौत के बाद सचिन से दोस्ती हुई सचिन से दोस्ती के बाद उसने इस पाकिस्तान में रहते हुए सनातन धर्म ग्रहण किया फिर नेपाल आई नेपाल में सनातन धर्म के अनुसार विवाह किया विवाह के बाद फिर पाकिस्तान गई बच्चों को लेके नेपाल के रास्ते भारत आई भारत में आकर फिर लीगली कन्वर्जन किया हिंदू धर्म ग्रहण किया जिसका हिंदू धर्म लीगल कन्वर्जन सर्टिफिकेट के आधार पर उसके बाद पूरे रीति रिवाज परंपरा के सप्तपदी फेरों के साथ विवाह हुआ.
दूसरे वर्ष में जब उसने प्रवेश किया विवाह के बाद से गर्भधारण हुआ भारत में गर्भाधान के बाद बेटी का जन्म हुआ जिसका सब देश की दुनिया की सहमति से भारती मीना नाम रखा गया एलियस उसका घर में नाम रखा गया मीरा मीरा रह गई अब इसके बाद सारी प्रक्रिया एटीएस लगातार पहले से अब में और कर रही है एटीएस जांच एजेंसी सारी कर रही है पुलिस की निगरानी अब भी पहले भी शुरू से अब तक है उत्तर प्रदेश पुलिस माननीय न्यायालय के आदेश पर सीमा सचिन मी के घर अपने पति के घर ससुराल में रह रही है जो कि भारत में जन्म लिया भारत का रहने वाला भारतीय है देश की महामय राष्ट्रपति जी के यहां उसकी याचिका लंबित है.
सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट जो पाकिस्तान से लाई थी सब सीमा के एटीएस के पास हैं जांच कर रही है सीमा अपने ससुराल और अस्पताल के अलावा आज तक कहीं नहीं गई पिछले दिनों जब से यह पहलगाम घटना हुई उससे भी एक दिन पहले उसके तीसरी नंबर की बेटी को वायरल फीवर की वजह से डेंगू हुआ डेंगू में प्लेट रेस्ट बहुत डाउन हुए अभी भी वो बेटी के लिए दोनों पतिप्नी परिवार के साथ हॉस्पिटल में है इलाज चल रहा है लगातार नवजात बच्ची उनके साथ है भारत में बेटी उसका सर्टिफिकेट उत्तर प्रदेश की माननीय सरकार ने जारी कर रखा है बर्थ सर्टिफिकेट और उसके आधार पर भारत में रह रही है उससे इसने पहलगाम की घटना जो दुखद घटना है उससे इसका जोड़ना बिल्कुल गलत है जो लोग आलोचनावश ऐसा जोड़ रहे हैं उसकी स्थिति को देखें भारत की अब बहू है मीणा समाज की सम्मान है और रघुपुरा में रह रही है देश की सरकार का माननीय उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ जी की सरकार का केंद्र सरकार का सदैव उसने पालन किया है .
एटीएस की तमाम जांच में सदैव भाग लिया है पूरी जांच प्रक्रिया चल रही है चली है उसमें कहीं कोई उसको गलत और उस तरह से कुछ भी अब तक कोई कुछ नहीं मिले हैं इसलिए उसके साथ उस घटना से ना जोड़कर उसके साथ सिंपैथेटिक ज्योर जीने दो हमदर्दी मानवतावादी मानवाधिकारों की रक्षा करने की बात होनी चाहिए और इस पर अमल होना चाहिए.