22 अप्रैल को पहलगांव में हादसा हुआ इस हमले में 28 टूरिस्ट निधन गए इस बीच हादसे में एक चश्मदीद ने चौंकाने वाला खुलासा किया है चश्मदीद का दावा है कि हादसे के दौरान उसने कुछ ऐसा किया कि बदमाशो ने उन्हें और उनके परिवार को जिंदा छोड़ दिया।
हादसे से बचकर आया यह व्यक्ति असम की एक यूनिवर्सिटी में बंगाली डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर है उनका नाम देवाशीष भट्टाचार्य है प्रोफेसर ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह पहलगाम के बेसरन इलाके में हुए हादसे में फंस गए थे भट्टाचार्य ने हादसे के बारे में बताया और बोले हादसे के दौरान मैं अपने परिवार के साथ एक पेड़ के नीचे सो रहा था इस दौरान मैंने अपने आसपास लोगों के फुसफुसाने की आवाज सुनी यह सभी लोग कलमा पढ़ रहे थे और मैंने भी इसे दोहराना शुरू कर दिया ।
इस बीच वर्दी में बदमाश वहां पहुंचे और मेरे बगल में लेटे एक व्यक्ति के सर पर देबाशीष के अनुसार इसके बाद उन्होंने कहा कि एक बदमाश मेरी ओर मुड़ा और पूछा क्या कर रहे हो मैंने जवाब में और जोर से कलमा पढ़ना शुरू कर दिया मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसा क्यों किया लेकिन वो बदमाश किसी कारण वहां से चला गया मौका मिलते ही मैंने अपनी पत्नी और बेटे को साथ लिया और चुपचाप बाढ़ की तरफ बढ़ने लगा।
करीब 2 घंटे तक हम चलते रहे और रास्ता भटक गए घोड़ों के खोरों के निशान देखकर मैंने रास्ता खोजा और और अतंत एक घुड़सवार की मदद से अपने होटल पहुंचे मुझे यकीन नहीं हो रहा कि हम हादसे से जिंदा बच गए हैं मैं श्रीनगर से अब जल्दी वापस आने की तैयारी कर रहा हूं।